मैंने इस अविनाशी योग को सूर्य से कहा ?
इस अविनाशी योग को सूर्य से कहा ?
सीताराम राधे कृष्ण दोस्तो कैसे हैं आप सब कुशल मंगल है आशा करता हूं सब घर में सुख शांति से होंगे |आज हम चतुर्थ अध्याय करेंगे | श्री कृष्ण का अनुवाद :- श्री कृष्ण भगवान बोले मैंने इस अविनाशी योग को सूर्य से कहा | सूर्य ने अपने पुत्र वैवस्वता और मनु ने अपने पुत्र राजा इवाक से कहा था हे परम तप अर्जुन इस प्रकार परंपरा से प्राप्त इस योग का राज ऋषियों ने जाना है |
बहुत ही उत्तम खजाना है |
किंतु उसके बाद वह योग बहुत काल से इस पृथ्वी लोक में लुप्त प्राय हो गया है | प्रभु बोलते हैं तू मेरा पुराना सखा है मित्र है | तो यह जो मैं सबसे पुराना जो सतयुग के काल से चला आ रहा है | यह आज मैंने तुझको सिखाया है | यह बहुत ही उत्तम रहस्य बहुत ही उत्तम खजाना है | अर्थात गुप्त रखने योग्य विषय है |
सूर्य का जन्म बहुत पुराना है |
तो उन्होंने यह बोला कि प्रभु आपका जन्म तो अभी हाल का है |और सूर्य का जन्म बहुत पुराना है |अर्थात कल्प में हो चुका था | कल्प में मतलब ये सृष्टि का पुन:निर्माण हुआ था | उससे पहले ही चंद्रमा ,सूर्य देव का निर्माण हो चुका था | मैं इस बात का कैसे विश्वास कर लूं | कि आप ही ने कल्प के आदि में सूर्य से योग कहा था |
यह पृथ्वी संसार में अकेली नहीं है |
तब भगवान श्री कृष्ण बोलते हैं | हे अर्जुन मेरे और तेरे बहुत से जन्म हो चुके हैं | उन सबको तू नहीं जानता किंतु मैं जानता हूं | प्रभु बोले कि हे परम तप हे महा ज्ञानी कि यह पृथ्वी संसार में अकेली नहीं है | पूरे ब्रह्मांड में पता नहीं कितनी है | तो हमारा तो कोई अस्तित्व ही नहीं है |
क्योंकि मैं ही जन्म देने वाला हूं |
बहुत से जन्म हो चुके हैं उन सबको तू नहीं जानता मैं जानता हूं क्यों जानता हूं | क्योंकि मैं ही जन्म देने वाला हूं | मैं ही लेने वाला हूं मैं अजन्मा और अविनाशी स्वरूप होते हुए भी तथा समस्त प्राणियों का ईश्वर होते हुए भी अपनी प्रकृति को अधीन करके अपनी योग माया से प्रकट होता हूं |
जब जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है |
अतः हे भारत (अर्जुन) जब जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है| तब तब ही मैं अपने रूप को रचता हूं | अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं | तो मैं अपना आपको अपनेआप को रचता हूं | अर्थात साकार रूप लेकर साकार मतलब मनुष्य का रूप लेकर उन लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं |
आपको समय मिले तो भगवान नाम लीजिएगा |
तो जितने अवतर होते हैं | साकार मतलब पूर्ण मनुष्य का रूप लेकर लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं | आज के लिए आपसे सीताराम राधे कृष्ण और आपको समय मिले तो भगवान नाम लीजिएगा | श्री हरि, श्री विष्णु करते रहिएगा, सीताराम राधे कृष्ण करते रहिए ,राधे राधे करते रहिए ,राम राम करते रहिए ,बहुत आनंद आएगा | सीताराम राधे कृष्ण |
:- श्री कृष्ण का पहला श्लोक कोन सा था? :-गीता के 4 अध्याय में ज्या लिखा गया है? :-गीता में योग के लिए क्या कहा गया है? :-गीता के अनुसार सबसे पवित्र क्या है?
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