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गरुड़ पुराण में पापियों के लिए !Alag Alag Prakarke narak

 गरुड़ पुराण में पापियों के लिए !Alag Alag Prakarke Narak

गरुड़ पुराण में पापियों के लिए !Alag Alag Prakarke Narak
गरुड़ पुराण में पापियों के लिए अलग-अलग प्रकार के नरकों का वर्णन किया गया है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पुराण है, जिसमें मृत्यु के बाद आत्मा के कर्मों के अनुसार उसे स्वर्ग या नरक में भेजे जाने की बात कही गई है। गरुड़ पुराण के अनुसार, पाप करने वाले प्राणियों को विभिन्न प्रकार के नरकों में अपने कर्मों के आधार पर दंड भोगना पड़ता है। यहाँ प्रमुख नरकों का संपूर्ण उल्लेख दिया गया है।

1. रौरव नरक!

इस नरक में उन्हें भेजा जाता है, जिन्होंने दूसरों की संपत्ति छीनकर स्वयं सुख भोगा है। यहाँ पर व्यक्ति को सांपों और जहरीले कीड़ों से दंड दिया जाता है।

2. शूकरमुख नरक !

इस नरक में वे लोग जाते हैं, जो झूठ बोलकर, छल-कपट करके दूसरों का अहित करते हैं। यहाँ पर आत्मा को हिंसक पशुओं द्वारा काटा और चबाया जाता है।

3. तामिस्र नरक !

इस नरक में लोभी और धोखेबाज लोग भेजे जाते हैं। यहाँ उन्हें अंधेरे में भयंकर पीड़ा सहनी पड़ती है।

4. अंधतामिस्र नरक !

जो लोग अपने परिवार या दोस्तों को धोखा देते हैं, उन्हें इस नरक में भेजा जाता है। यहाँ व्यक्ति को पीटा जाता है और भूखा रखा जाता है।

5. महाविचि नरक !

इस नरक में मांसाहारी और हिंसा करने वाले लोगों को भेजा जाता है। उन्हें जलते हुए अंगारों पर लिटाया जाता है।

6. कुम्भीपाक नरक !

इस नरक में जीवित प्राणियों को कष्ट देने वाले या निर्दोष पशुओं को मारने वाले लोग भेजे जाते हैं। यहाँ उन्हें उबलते हुए तेल में डाल दिया जाता है।

7. कालसूत्र नरक !

यह नरक उन लोगों के लिए है जो माता-पिता और बुजुर्गों का अपमान करते हैं। यहाँ पर उन्हें आग की लपटों और भयंकर ठंड का सामना करना पड़ता है।

8. असिपत्रवन नरक !

जो व्यक्ति दूसरों को शारीरिक और मानसिक कष्ट पहुँचाते हैं, उन्हें इस नरक में भेजा जाता है। यहाँ पर आत्मा को तलवार के जैसे पत्तों वाले पेड़ों से काटा जाता है।

9. शाल्मली नरक !                                            1

इस नरक में व्यभिचारी और अनैतिक कार्य करने वाले लोग जाते हैं। उन्हें काँटेदार पेड़ों से बांधकर यातनाएँ दी जाती हैं।

10. वैतरणी नदी !

यह नरक नदी के रूप में है, जहाँ आत्माओं को रक्त, मवाद और गंदगी में डूबना पड़ता है। यह उन लोगों के लिए है, जो जीवनभर अधर्म करते हैं।

11. पूयोदक नरक  !

जो लोग दान और धर्म के कामों को नकारते हैं, उन्हें इस नरक में भेजा जाता है। यहाँ उन्हें मवाद और गंदगी से भरे जल में तैरने के लिए मजबूर किया जाता है।

12. सूकरमुख नरक   !

जो लोग समाज और धर्म के नियमों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें इस नरक में रखा जाता है। यहाँ भयानक यातनाएँ दी जाती हैं।

13. रक्तकर्दम नरक !

रक्तकर्दम नरक !
इस नरक में वे लोग जाते हैं, जो हिंसा और रक्तपात करते हैं। उन्हें खून और गंदगी में डूबने के लिए मजबूर किया जाता है।

14. क्रिमिभोजन नरक !

इस नरक में उन्हें भेजा जाता है, जो अन्न और भोजन का अनादर करते हैं। यहाँ आत्मा को कीड़ों और कीटों का भोजन बनना पड़ता है।

15. संजीवन नरक !

यहाँ उन्हें भेजा जाता है, जो बार-बार पाप करते हैं। यहाँ आत्मा को बार-बार मारकर पुनर्जीवित किया जाता है।

16. अवीचि नरक !

यह नरक उन लोगों के लिए है, जो झूठे वचन देते हैं और वचन का पालन नहीं करते। यहाँ आत्मा को जलते हुए अंगारों पर फेंका जाता है।

17. लोहशंकु नरक !

जो व्यक्ति ईश्वर, धर्म और गुरु का अपमान करते हैं, उन्हें इस नरक में लोह के तीखे शूलों पर गिराया जाता है।

18. शीतोदक नरक !

यह उन पापियों का स्थान है, जो दूसरों के प्रति निर्दयता से पेश आते हैं। यहाँ पर आत्मा को अत्यधिक ठंड और बर्फ में रखा जाता है।

19. घोर नरक !

यह नरक उन लोगों के लिए है, जो चोरी और हिंसा में लिप्त रहते हैं। यहाँ पर भयंकर अंधकार और पीड़ा होती है।

20. पाप नरक !

यह सामान्य पाप करने वालों का स्थान है, जहाँ उन्हें उनके कर्मों के अनुसार सजा दी जाती है।

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 गरुड़ पुराण में यह सब विवरण आत्मा को उसके कर्मों के अनुसार दंड देने के लिए बताया गया है, ताकि मनुष्य अपने जीवन में अधर्म से बचे और धर्म के मार्ग पर चले।


1.We can only feel you, rest is God's will


2. हम सिर्फ आपको आभास कर सकते है बाकी सब प्रभु की इच्छा।


3.हम केवल आपको प्रभु की इच्छा पर विश्वास कर सकते हैं









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