मैंअविनाशी जीवात्मा से भी उत्तम हूं ?(Shri Krishna Bolte Hai)
मैंअविनाशी जीवात्मा से भी उत्तम हूं ?(Shri Krishna Bolte Hai)
सीताराम राधे कृष्ण आशा करता हूं आपके घर में सब सुख शांति से होंगे आप अपने माता पिता की अच्छे सेवा कर रहे होंगे अपने जीवन में अच्छे से व्यस्त होंगे और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे होंगे और शास्त्र का ज्ञान दे रहे होंगे किसी के साथ कोई बुरा भला नहीं कर रहे होंगे और अपने ही जीवन में मस्त और व्यस्त होंगे तो कल हमने अध्याय 15 के शलोक नंबर 17 पर समापन किया था आज हम अध्याय 15 समापन करेंगे और अध्याय 16 प्रारंभ करेंगे |
मुझ वासुदेव परमेश्वर को भजता है!
तो इसमें प्रभु श्री कृष्ण बोलते हैं क्योंकि मैं नाशवान जड़ वर्ग क्षेत्र से तो सर्वता अतीत हूं और अविनाशी जीवात्मा से भी उत्तम हूं इसलिए लोक में और वेदों में भी पुरुषोत्तम नाम से प्रसिद्ध हूं भारत जो ज्ञानी पुरुष मुझको इस प्रकार तत्व से पुरुषोत्तम जानता है वह सर्वज्ञ पुरुष सब प्रकार से निरंतर मुझ वासुदेव परमेश्वर को भजता है हे निष्पाप अर्जुन हे कुरु श्रेष्ठ अर्जुन इस प्रकार यह अति रहस्य युक्त गोपनीय शास्त्र मेरे द्वारा कहा गया है इसको तत्व से जानकर मनुष्य ज्ञानवान और कृतार्थ हो जाता है तो अध्याय 15 आज यहीं पर समापन करते हैं कल से हम अध्याय 16 का प्रारंभ करेंगे |
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